संस्कृत व्यंजन एवम् उनके उच्चारण सहित उदाहरण संस्कृत वर्णमाला
Hello friends, hope you all are doing well in the situation of the current pandemic and the economic crisis in the world. As we have finished all the vowels (हस्व, दीर्घ, मिश्रित) in the last two posts from now on wards we will start with the Sanskrit alphabets.
नमस्कार दोस्तो, आशा करता हुँ की आप कुशल मंगल से अपना जीवन व्यतीत कर रहे है। जैसा की आप जानते है की हमने पिछली दो पोस्ट मे संस्कृत स्वरो (हस्व, दीर्घ, एवम मिश्रित) का अध्ययन कर लिया है और मै ये भी आशा करता हुँ की आपने वे सभी याद कर लिये होगे। अगर आप के मन मे कोई शंका या सुझाव है जो निस्संकोच कह सकते है।
आज के पोस्ट हम व्यंजनो का अध्ययन प्रारंभ करेगे।
What is consonant?(व्यंजन क्या हैं)
“परेण स्वरेण व्यज्यते इति व्यञ्जनम्”
That sound which is pronounced with the help of succeeding “svara (vowel)” is “vyañjanam” (consonant).
वह ध्वनिया जिनका उच्चारण स्वरो की सहायता से होता हैं उन्हे व्यंजन कहते हैं।
In the table below alphabets are arranged on the basis of their point of pronunciation.
निम्न तालिका मे व्यंजनों को ध्वनि की अभिव्यक्ति के स्थान के अनुसार वर्गीकृत किया गया हैं।
स्पर्श(Plosive) | नासिका(Nasal) | ||||
अघोष (Hard) | सघोष (Soft) | ||||
अल्पप्राण (unaspirant) | महाप्राण (Aspirant) | अल्पप्राण (unaspirant) | महाप्राण (Aspirant) | अल्पप्राण (unaspirant) | |
कण्ठ(Gutturals) | क (ka) | ख (kha) | ग (ga) | घ (gha) | ङ (ṅa) |
तालुः(Palatals) | च (ca) | छ (cha) | ज (ja) | झ (jha) | ञ (ña) |
मूर्धाः(Cerebrals) | ट (ṭa) | ठ (ṭha) | ड (ḍa) | ढ (ḍha) | ण (ṇa) |
दन्तः(Dentals) | त (ta) | थ (tha) | द (da) | ध (dha) | न (na) |
ओष्ठः-(Labials) | प (pa) | फ (pha) | ब (ba) | भ (bha) | म (ma) |
तालुः (Palatals) | मूर्धाः (Cerebrals) | दन्तः (Dental) | कण्ठोष्ठय (throat-lips) | कण्ठ (Guttural) | |||
अन्तःस्थ (Semi-vowel) | सघोष (Soft) | अल्पप्राण (unaspirate) | य (ya) | र (ra) | ल (la) | व (va) | |
ऊष्म (Sibilants) | अघोष (Hard) | महाप्राण (Aspirant) | श (śa) | ष (ṣa) | स (sa) | ||
सघोष (Soft) | ह (ha) |
These arrangements are scientifically from the throat to lips of the vocal anatomy – the places of sound articulation. The above arrangements are scientifically based on human vocal anatomy and can’t be changed.
[Note: श्र, क्ष, ज्ञ, त्र, etc. are conjunct consonants and therefore they are not part of the consonants. They are however shown /recited along with alphabets/consonants in some Varnamaala.
Pronunciation of Sanskrit alphabets and their example.(व्यंजनो के उच्चारण स्थान एवं उदाहरण).
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कवर्ग
व्यंजनो के प्रथम वर्ग को कवर्ग कहा जाता है। इनका उच्चारण स्थान कण्ठः (गला) हैं।
स्पर्श(Plosive) | नासिका(Nasal) | ||||
अघोष (Hard) | सघोष (Soft) | ||||
अल्पप्राण (unaspirant) | महाप्राण (Aspirant) | अल्पप्राण (unaspirant) | महाप्राण (Aspirant) | अल्पप्राण (unaspirant) | |
कण्ठ(Gutturals) | क (ka) | ख (kha) | ग (ga) | घ (gha) | ङ (ṅa) |
क (ka)
इसका उच्चारण स्थान कण्ठ है। यह कवर्ग का प्रथम अक्षर है। इसके उच्चारण में प्रतिध्वनि/गूंज (अघोष) नही ) होती तथा साँस छोडने की जरूरत भी नही (अल्पप्राण) होती हैं।
कन्दुकः- गेन्द (Ball),
कण्टकम्- काँटा (Thorn),
कञ्चुकः- ब्लाउज (Blouse),
कण्ठः- गला (Neck),
कदलीफलम्-केला (Banana),
कच्छपः- कछुआ (Tortoise),
क (ka) is un aspirate hard letter ,which means it doesn’t reverberate (vibration) nor exhalation to be pronounce. It is pronounced from throat/guttural. Example Kick, sKip, Curtain, banK
ख (kha)
इसका उच्चारण स्थान कण्ठ है। यह कवर्ग का द्वितीय अक्षर है। इसके उच्चारण में प्रतिध्वनि/गूंज (अघोष) नही होती हैं परन्तु साँस छोडने की जरूरत होती (महाप्राण) हैं।
खगः-पक्षी (Bird),
खड्गः-तलवार (Sword),
खलः-दुष्ट (Wicked person),
खण्डः-भाग (Section),
खल्वाटः-गंजा (Bald),
ख (Kha) is aspirate hard letter. This letter doesn’t reverberate (vibration) but does need an exhalation to be pronounced. It is pronounced from throat/guttural. Example Cat, Khan, laKH,
ग (ga)
इसका उच्चारण स्थान कण्ठ है। यह कवर्ग का तृतीय अक्षर है। इसके उच्चारण में प्रतिध्वनि/गूंज (सघोष) होती हैं परन्तु साँस छोडने की जरूरत नही (अल्पप्राण) होती हैं।
गिरीः- पर्वत (Mountain),
गण्डः- गाल (Cheek),
गजः- हाथी (Elephant),
गरूडः- गरूड (Eagal),
गवाक्षः- खिडकी (Window),
गर्दभः- गधा (Donkey),
ग (ga) is un-aspirate soft letter ,which means it does reverberate (vibration) but doesn’t need exhalation to be pronounce. It is pronounced from throat/guttural. Example Game, juG, muG, Gum, GAlaxy, GAnja, etc.
घ (gha)
इसका उच्चारण स्थान कण्ठ है। यह कवर्ग का चोथा अक्षर है। इसके उच्चारण में प्रतिध्वनि/गूंज (सघोष) होती हैं एवम् साँस छोडने की जरूरत भी होती (महाप्राण) हैं।
घटः- घडा (Pot),
घातुकः- कसाई (Butcher),
घण्टिका- घंटी (Small bell),
घनः- बादल (cloud),
घ्राणं- सुगन्ध (Smell),
घृतम्- घी ( Clarified butter),
घ (gha) is aspirate soft letter. This letter does reverberate (vibration) also need an exhalation to be pronounced. It is pronounced from throat/guttural. For example Ghana, Ghost, Ghee, etc.
ङ (ṅa)
इसका उच्चारण स्थान नासिका है। यह कवर्ग का पांचवां तथा अंतिम अक्षर है। इसके उच्चारण में प्रतिध्वनि/गूंज (सघोष) होती हैं परन्तु साँस छोडने की जरूरत नही (अल्पप्राण) होती हैं।
चतुरङ्गः-चेस (Chess)
न्यायसङ्गतः-उचित (lawful)
सङ्मः-मिलन (confluence)
सङ्कीर्ण- संकुचित (narrow)
ङ (ṅa) is unaspirate soft letter. This letter does reverberate (vibration) ) but doesn’t need exhalation to be pronounce. It is pronounced from nasal. For example RiNg, etc.
Rest of the Sanskrit alphabets will be posted in next week. Please send your query, comments, suggestion below. Don’t Forget to like and Share the post.
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