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Ayurveda

Ayushkamiya-Chapter 1-Sutrasthana-Ashtang Hridyam-BAMS

Welcome to Sanskrit Gurukul. In this chapter, we will start, the first chapter of Ashtanga Hridyam-Sutrasthana which is Ayushkamiya (quest for long life) written by Acharya Vagbhata. In this chapter, Acharya Vagbhata explain the various principle of Ayurveda in summarized and systematic form which is easy to read and understand. Namaskar (Obeisances) In this sholoka […]

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अनुमान प्रमाण- पदार्थ विज्ञान- Anuman praman- Padarth vigyan

ज्ञान की अनुभूति 2 प्रकार की होती है 1) प्रत्यक्ष 2) अप्रत्यक्ष। प्रत्यक्ष ज्ञान का बोध इंद्रियार्थसन्नि-कर्ष से होता है और अप्रत्यक्ष ज्ञान का बोध अनुमान, उपमान, युक्ति, शब्द प्रमाण आदि से होता है।‘प्रत्यक्षं हि अल्पं अनलपम अनलपम अंबृद्धम्’। (चरक)प्रत्यक्ष का दायरा और सीमा बहुत कम है और प्रत्यक्ष का अधिक, इसलिए दर्शन और आयुर्वेद

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पदार्थ विज्ञान में प्रत्यक्ष प्रमाण

प्रिय शिक्षार्थी, संस्कृत गुरुकुल में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में प्रत्यक्ष प्रमाण के ऊपर चर्चा करेंगे। प्रत्यक्ष प्रमाण ज्ञान प्राप्ति का साधन है जिसमे इंद्रियों के संयोग से प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त किया जाता है। प्रत्यक्ष प्रमाण को आयुर्वेद के अनुसार रोगों के निदान, पूर्वानुमान, अनुमान, निष्कर्ष और उपचार के लिए सबसे प्राथमिक और महत्वपूर्ण

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